पठार (Plateau)

 पठार (Plateau)

पठार भूपटल के दूसरी श्रेणी के उच्चावच्च है . जिनका विस्तार समस्त भूपटल के लगभग 33% भाग पर है . सामान्यता: पठार अपने समीपवर्ती धरातल से पर्याप्त ऊँचे एवं सपाट तथा चौड़े शीर्ष वाले प्राय: मेज की आकृति के होते है . 

कभी कभी पठार मैदानों से भी नीचे होते है . जैसे - संयुक्त राज्य अमेरिका का पीडमांट पठार तो कभी-कभी यह पर्वतो से भी ऊँचे होते है . जैसे तिब्बत का पठार (4875 मी.) . इस तरह पठार की ऊंचाई कुछ भी हो सकती है . 

पठारों की सबसे बड़ी विशेषता उनका सपाट शिखर, मोड़ो का आभाव एवं क्षैतिज रूप से व्यवस्थित होना है . 



पठारों की उत्पत्ति के प्रमुख कारण 

पठारों की उत्पत्ति के निम्नलिखित कारण है -

1. भूगर्भिक हलचलों के फलस्वरूप भू-भाग के नीचे धँसने या ऊपर उठने से होता है . 

2. ज्वालामुखी के लावा प्रवाह के वलन से प्रभावित रहने से .

3. अनाच्छादन (Denudation) के परिणामस्वरूप पर्वतो के अपरदित होने से होता है . 

4. पवन द्वारा मिट्टियों के निक्षेपण आदि से होता है . 

पठारों की उत्पत्ति में पृथ्वी के अन्तर्जात एवं बहिर्जात दोनों प्रकार के बलों का योगदान रहता है .  


पठारों का वर्गीकरण (Classification of Plateau)

उत्पत्ति के आधार पर पठारों का वर्गीकरण इस प्रकार है -

1. अंतरापर्वतीय पठार (Intermounatane plateau) - ये पठार चारोओर से पर्वतो से घिरे होते है . भूपटल के सर्वोच्च, सर्वाधिक विस्तृत तथा अत्याधिक जटिल पठार इसी श्रेणी में आते है . 

 अंतरापर्वतीय पठार के उदहारण :-

1. बोलीविया का पठार

2. पेरू का पठार

3. एशिया माइनर का पठार

4. कोलम्बिया का पठार 

5. मैक्सिको का पठार

6. तिब्बत का पठार

तिब्बत का पठार विश्व का सबसे ऊँचा एवं सबसे बड़ा पठार है तथा  अंतरापर्वतीय पठार का सर्वोत्तम उदहारण है . तिब्बत का पठार उत्तर में क्यूनलुन एवं दक्षिण में हिमालय पर्वतो से घिरा हुआ है . 

2. गिरिपदीय पठार (Piedmont Plateau) - पर्वतो के आधार या तलहटी में स्थिर पठार इस वर्ग में आते है . इनके एक ओर ऊँचे पर्वत तथा दूसरी ओर मैदान या सागर स्थित होता है . पठार का सागरोन्मुख या मैदान की ओर वाला ढाल तीव्र कगारयुक्त (Escarpment) होता है . ऐसे पठारों की रचना समीपवर्ती पर्वत के साथ ही होती है . 

गिरिपदीय पठार के उदहारण :-

1.   पीडमान्ट का पठार (संयुक्त राज्य अमेरिका)

2. कोलोरेडो का पठार (संयुक्त राज्य अमेरिका) 

3. पैटागोनिया का पठार (अर्जेन्टीना)

4. शिलांग का पठार (भारत )

3. गुम्बदाकार पठार (Dome-shaped Plateau) - ज्वालामुखी उद्गार या वलन की क्रिया द्वारा जब स्थलखंड में इस तरह का इस तरह का उत्थान हो जाता है . कि बीच का भाग ऊँचा होता है तथा किनारे वाले भाग गोलाकार होते है, तो उसे गुम्बदाकार पठार कहा जाता है . 

गुम्बदाकार पठार के उदाहरण

1. ओजार्क का पठार (संयुक्त राज्य अमेरिका)

2. छोटानागपुर का पठार (भारत)

3. रामगढ पठार (भारत)

4. महाद्वीपीय पठार (Continental Plateau) -  ऐसे पठारों का निर्माण पटलविरूपणी बलों द्वारा धरातल के किसी विस्तृत भू-भाग के ऊपर उठ जाने से होता है . कभी-कभी ज्वालामुखी के लावा के काफी बड़े क्षेत्र पर विस्तार हो जाने से भी ऐसे पठारों का निर्माण हो जाता है . ये समुद्र तट एवं मैदानी क्षेत्रो से घिरे रहते है . और समुद्र तट एवं मैदानों से इनका उभार स्पष्ट दिखाई पड़ता है . 

महाद्वीपीय पठार के उदाहरण

1. भारत का प्रायद्वीपीय पठार

2. ऑस्ट्रेलिया का पठार

3. अरब का पठार

4. दक्षिण अफ्रीका का पठार

अंटार्कटिका तथा न्यूजीलैंड के पठार को नवीन महाद्वीपीय पठारों के अंतर्गत रखा जाता है . 

महाद्वीपीय पठारों को शील्ड भी कहा जाता है . जैसे - कनाडियन शील्ड, साइबेरियन शील्ड, लारेंशियन शील्ड, ब्राजील शील्ड आदि . 

5. ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित्त पठार  (Volcanic Plateau) - ज्वालामुखी के उद्गार से नि:सृत लावा के दरारी प्रवाह से विस्तृत पठारों की उत्पत्ति होती है .भारत में दक्कन का पठार एवं उत्तरी अमेरिका में कोलम्बिया का पठार ज्वालामुखी निर्मित्त पठार का उदहारण है . 

अपरदन चक्र के आधार पर पठारों का वर्गीकरण इस प्रकार है -

1. तरुण पठार - इस प्रकार के पठार पर अपरदन की क्रिया काफी सक्रिय तथा चट्टानों की संरचना क्षैतिज होती है . नदियाँ निम्न कटाव द्वारा गहरी घाटियों का निर्माण करती है . संयुक्त राज्य अमेरिका का इदाहो का पठार एवं कोलोरेडो का पठार तरुण पठार के प्रमुख उदहारण है . 

2. प्रौढ़ पठार - प्रौढ़ावस्था में अपरदन द्वारा पठार की सतह इतनी उबड़-खाबड़ तथा असमान हो जाती है कि नुकीली चोटियों का अधिक संख्या में विस्तार हो जाता है . उदहारण - अप्लेशियन का पठार (U S A) . 

3. जीर्ण पठार - अत्याधिक अपरदन के बाद पठार के उच्चावाच्च घिसकर प्राय: समाप्त हो जाते है तथा पठार एवं पैनीप्लेन के रूप में परिवर्तित हो जाते है . उच्चावच्च के अवशिष्ट भाग मेसा तथा बुटी के रूप में दिखायी पड़ते है . उदहारण - राँची का पठार . 

4. पुनर्युवनित पठार (Rejuvenated Plateau) - पठार की जीर्णावस्था की प्राप्ति के बाद यदि पठार में पुन: उभार हो जाता है तथा उसकी ऊंचाई अधिक हो जाती है, तो उसे पुनर्युवनित पठार कहते है .  संयुक्त राज्य अमेरिका का मिसौरी का पठार एवं भारत का राँची का पाट प्रदेश पुनर्युवनित पठार के  प्रमुख उदाहरण है . 

विश्व के प्रमुख पठार इस प्रकार है -

 

पठार

स्थिति

1.

कोलम्बिया का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

2.

ओजार्क का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

3.

कोलोरेडो का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

4.

पीडमांट का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

5.

लोयस का पठार

चीन

6.

पोटवार का पठार

पाकिस्तान

7.

अनातोलिया का पठार

तुर्की

8.

शान का पठार

म्यांमार

9.

एशिया माइनर का पठार

ईरान एवं तुर्की 

10.

मसेटा का पठार

स्पेन

11.

अदामावा का पठार

नाइजीरिया

12.

कोराट का पठार

थाईलैंड

13.

पेटागोनिया का पठार

अर्जेन्टीना

14.

माटोग्रासो का पठार

ब्राजील

14.

चियापास का पठार

मैक्सिको

15.

दक्कन का पठार

भारत

16.

छोटा नागपुर का पठार

भारत

17.

बाई का पठार

अंगोला (अफ्रीका)

17.

उबांगी का पठार

मध्य अफ्रीका

18.

किम्बरले का पठार

ऑस्ट्रेलिया

19.

तासिली का पठार

अल्जीरिया (अफ्रीका)

20.

अहागार का पठार

अल्जीरिया एवं लीबिया

21.

बोर बोरगा का पठार

ब्राजील

22.

लारेंशिया का पठार

कनाडा

23.

जाडो का पठार

नाइजीरिया

24.

ग्रेट बेसिन का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

25.

मिसौरी का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

26.

इदाहो का पठार

संयुक्त राज्य अमेरिका

27.

अबीसीनिया का पठार

इथियोपिया (अफ्रीका)

 

पठारों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य -

1. दक्षिण अमेरिका में स्थित पेटागोनिया के पठार को 'खनिजो के भण्डार' की उपमा दी जाती है . 

2. पठार मुख्य रूप से खनिजो का भण्डार होते है तथा खनिज की दृष्टि से संपन्न होते है . 

3. भारत में स्थित छोटा नागपुर के पठार को 'भारत का रुर' कहा जाता है . 

4. निकिल उत्पादन के लिये प्रसिद्ध सडबरी खान कनाडा के कनाडियन शील्ड पठार में स्थित है .

5. पामीर या तिब्बत का पठार विश्व का सर्वाधिक उच्चा पठार है, इसे संसार की छत (Roof of the world) एवं पृथ्वी का निष्प्राण क्षेत्र (Dead heart of the world) भी कहा जाता है . 

6. अफ्रीका में स्थित जैरे-जाम्बिया में स्थित कटंगा पठार कोबाल्ट व ताम्बा का विश्व प्रसिद्ध क्षेत्र है . 

7. संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित ओजार्क का पठार जस्ता और सीसा उत्पादन के लिये सुविख्यात है . 

8. पठारी नदियाँ जल विधुत उत्पादन के लिए अनुकूल आधार स्थल उपलब्ध कराती है . 

9. संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रेट बेसिन पठार में मृत घाटी (Death Valley) स्थित है . 

10. विश्व प्रसिद्ध 'ग्रान्ड कैनियन' संयुक्त राज्य अमेरिका के कोलोरेडो के पठार में स्थित है . 

11. भारत का चेरापूंजी का पठार और म्यांमार का शान का पठार जलकृत पठार के उदहारण है . 

12. चीन का लोयस का पठार और पाकिस्तान का पोटवार  का पठार वायु निर्मित्त पठार के उदहारण है . 

13. किसी पठार के वृद्ध या जीर्ण होने का प्रमुख या प्राथमिक लक्षण मेसा का निर्माण है . 

14. भारत में जम्मू-कश्मीर के हिमानी निक्षेप से निर्मित्त पठारी भागो को 'मर्ग' की उपमा दी जाती है . 

15. भारत का छोटा नागपुर का पठार विश्व का सर्वप्रमुख लाख उत्पादक क्षेत्र है . 


ब्यूट या बुटी (Butte) - स्पष्ट दृष्टिगोचर होने वाली सपाट शिखरीय एक लघु पहाड़ी, जो प्राय: प्रतिरोधी शैल स्तरों से ढकी रहती है . 

मेसा (Mesa) - प्राचीन कठोर शैल वाले पठारी भागो पर अपरदन की क्रिया की अधिकता के कारण उनका स्वरूप विकृत हो जाता है फिर भी कुछ मेज के आकार की सपाट संरचनाएं दृष्टिगोचर होती है, जिन्हें मेसा कहा जाता है . मेसा की उपस्थिति किसी पठार के जीर्ण या वृद्ध (Old) होने की प्रमुख पहचान है . 


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