PGT /TGT Geography Model Paper 2021
इस ब्लॉग में भूगोल (Geography) से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी प्रश्न-उत्तर (MCQ ) के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है, जो NET-JRF, PGT, TGT एवं GICआदि सभी प्रतियोगी परिक्षाओ के लिये बहुद ही उपयोगी, ज्ञानवर्धन एवं लाभदायक है ।
1. निम्नलिखित में से कौन-सी एक कार्स्ट स्थलाकृति है -
(A) रैम्प घाटी
(B) V आकार की घाटी
(C) लैपीज
(D) इन्सेलबर्ग
व्याख्या - लैपीज एक कार्स्ट स्थलाकृति का अपरदनात्मक स्थलरुप है . सामान्य रूप से लैपीज की रचना बहुत सरल होती है . लाइमस्टोन की खुली सतह पर जल चट्टान की संधियों को अपनी घुलन क्रिया द्वारा विस्तृत करने लगता है, जिस कारण छोटी-छोटी शिखरिकाओं का निर्माण हो जाता है . इनकी दिवाले खड़ी होती है . इस तरह के खड़े किन्तु पतले तथा नुकीले कटक स्तम्भ रूप में एक दूसरे के समान्तर होते है तथा एक दूसरे से संकरे विदर या दरार (Cleft) द्वारा अलग किये जाते है . इस तरह की आकृति को ही लैपीज कहते है .
लैपीज को इंग्लैण्ड में क्लिन्ट, जर्मनी में करेन, सर्बिया में बोगाज तथा डालमेशियन क्षेत्र में लैपीज कहते है .
2. निम्नलिखित में से कौन-सी एक कार्स्ट अपरदनात्मक स्थलाकृति नहीं है -
(A) लैपीज
(B) डोलाइन
(C) युवाला
(D) ड्रिपस्टोन
व्याख्या - ड्रिपस्टोन कार्स्ट स्थलाकृति का एक निपेक्षात्मक स्थलरुप है जबकि अन्य सभी अपरदनात्मक कार्स्ट स्थलाकृति है . शुष्क कन्दराओ में टपकते जल के चूनायुक्त निक्षेपो को ड्रिपस्टोन कहा जाता है .
3. निम्नलिखित में से कौन-सा स्पीलियोथेम से सम्बन्धित है -
(A) हिमानी क्षेत्र
(B) कार्स्ट क्षेत्र
(C) शुष्क क्षेत्र
(D) नदी घाटी क्षेत्र
व्याख्या - चूनापत्थर से निर्मित्त कन्दराओं में सभी प्रकार के निक्षेपो को सम्मिलित रूप से 'स्पीलियोथेम' कहा जाता है . यह कार्स्ट क्षेत्र का निक्षेपात्मक स्थलरुप है .
4. पिंगो, एक एकाकी गुम्बदाकार नीचा टीला, पाया जाता है -
(A) शुष्क क्षेत्र में
(B) नदीय क्रिया क्षेत्र में
(C) हिमानी क्षेत्र में
(D) परिहिमानी क्षेत्र में
व्याख्या - पिंगो एक एस्किमो शब्द है जिसका सम्बन्ध परिहिमानी (Periglacial) क्षेत्र से है . पिंगो शब्द का प्रयोग बिखरी हुई गुम्बदाकार छोटी-छोटी पहाड़ियों तथा टीलो के लिए किया जाता है . इस शब्द का प्रथम प्रयोग 1938 में पोर्सिलद द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर पश्चिम भागो में परिहिमानी क्षेत्र में फैले टीलों के लिए किया गया था .
अलास्का, कनाडा, ग्रीनलैंड तथा साइबेरिया के आर्कटिक क्षेत्रो में पिंगो बहुतायत से पाये जाते है .
5. शुष्क तथा अर्द्ध-शुष्क प्रदेशो में पैडीमेंट एवं प्लाया के मध्य निक्षेपजनित मन्द ढाल वाले मैदान को कहते है -
(A) बजाडा
(B) अर्ग
(C) रेग
(D) सलिना
व्याख्या - गर्म शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क प्रदेशो में पर्वतीय अग्र भाग, पैड़ीमेंट एवं प्लाया के मध्य निक्षेपजनित मंद ढाल वाले मैदान को बजाडा कहते है .
6. जर्मनी में हिमगह्वर (Cirque) को कहा जाता है -
(A) नुनाटक
(B) कार
(C) सर्क
(D) हिम श्रृंग
व्याख्या - पर्वतीय क्षेत्रो में घाटी हिमनद द्वारा उत्पन्न स्थलाकृतिओं में हिमगह्वर (Cirque) या सर्क एक महत्वपूर्ण स्थलाकृति है . यह एक अपरदनात्मक स्थलाकृति है . ये प्राय: हिमानीकृत पर्वतीय भाग में मिलते है . हिमगह्वर (Cirque) का आकार एक गहरी सीट वाली आराम कुर्सी के आकार का होता है . हिमगह्वर (Cirque) प्राय: हिम से भरे रहते है . इस कारण इन्हें हिमागार एवं हिमगर्त भी कहा जाता है .
सर्क को जर्मनी में कार (KAR या Corrie) कहा जाता है
7. निम्नलिखित कौन-सा एक पवन द्वारा निर्मित्त निक्षेपात्मक स्थलरूप है -
(A) ड्राईकटर
(B) यारडंग
(C) लोयस
(D) ज्यूजेन
व्याख्या - पवन द्वारा उड़ाई गई धूलों के निक्षेप से निर्मित्त जमाव को लोयस कहा जाता है . लोयस का सर्वप्रथम अध्ययन जर्मन विद्धान फान रिच्थोफेन द्वारा उत्तरी पश्चिमी चीन में किया गया था . लोयस का नामकरण फ़्रांस के अलसस प्रान्त के लोयस नामक ग्राम के आधार पर किया गया था क्योंकि यहाँ पर लोयस के सामान ही मिट्टी के निक्षेप पाये गये थे .
लोयस का जमाव रेगिस्तानो से दूरस्थ भागो में होता है, इसमें मिट्टियों के कण इतने बारीक़ होते है कि इनमे परत नहीं मिलती है परन्तु ये अत्यन्त पारगम्य होते है . मिट्टी मुलायम होती है . लोयस का निर्माण उस समय होता है जब कि पवन के साथ मिली हुई धुल नीचे बैठकर एक स्थान पर बड़े पैमाने पर निक्षेपित हो जाती है .
लोयस को फ़्रांस एवं बेल्जियम में लिमन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में एबोड कहते है .
8. प्लेया (Playas) का सम्बन्ध है -
(A) शुष्क क्षेत्र में
(B) नदीय क्रिया क्षेत्र में
(C) हिमानी क्षेत्र में
(D) परिहिमानी क्षेत्र में
व्याख्या - प्लेया (Playas) पवन द्वारा निर्मित्त एक निक्षेपात्मक स्थलाकृति है . रेगिस्तानी प्रदेशो में पर्वतो से घिरी बेसिन को बालसन कहा जाता है . चारो तरफ से छोटी-छोटी नदियाँ निकलकर बालासन में आती है परन्तु कुछ रास्ते में ही सूख जाती है . इन नदियों द्वारा बालसन में जल एकत्र हो जाने से अल्पकालीन झीलों का निर्माण हो जाता है . जल सूखते ही ये झीलें समाप्त हो जाती है जिस कारण बालसन की तली में सिल्ट एवं नमक के निक्षेप के कारण तली समतल एवं ऊँची हो जाती है . इसे ही प्लेया (Playas) कहा जाता है .
अधिक नमक वाली प्लेया (Playas) को सैलिनास कहा जाता है . प्लेया (Playas) को अरब के रेगिस्तान में खबारी तथा ममलाहा कहा जाता है तथा सहारा में शटट कहा जाता है .
9. निम्नलिखित में से किस प्रकार की घाटी का निर्माण नदी के अपरदनात्मक कार्य द्वारा होता है -
(A) U आकार की घाटी
(B) V आकार की घाटी
(C) लटकती घाटी
(D) अन्धी घाटी
व्याख्या - V आकार की घाटी नदी द्वारा किये गये अपरदनात्मक कार्यो का प्रतिफल है .
U आकार की घाटी एवं लटकती घाटी हिमानीकृत अपरदनात्मक स्थलाकृति है .
अन्धी घाटी भूमिगत जल (कार्स्ट स्थलाकृति) के अपरदनात्मक स्थलरुप है .
10. निम्नलिखित में से किस एक का निर्माण हिमानी अपरदन द्वारा नहीं होता है -
(A) लटकती घाटी
(B) गिरि श्रृंग
(C) टार्न
(D) ड्रमलिन
व्याख्या - हिमनद के निक्षेप द्वारा निर्मित्त स्थलरूपों में ड्रमलिन गोलाश्म मृत्तिका (Boulder clay) द्वारा निर्मित्त एक प्रकार के ढेर या टीले होते है, जिनका आकार उल्टी नौका या कटे हुए उल्टे अंडे के समान होता है .
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